पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर पिछले 10 दिनों से चल रहे छात्रों के धरने को आयोग ने खत्म कर दिया है। बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी स्थिति में 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। यह बयान उन छात्रों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है, जो परीक्षा में कथित धांधली और गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेंस परीक्षा अगले साल अप्रैल महीने में आयोजित की जाएगी। बीपीएससी ने छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अपनी तैयारी जारी रखें। इस फैसले के बाद छात्रों में निराशा की लहर है, क्योंकि वे लंबे समय से परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।
परीक्षा में धांधली के आरोप
परीक्षा को लेकर कई छात्रों ने धांधली का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि परीक्षा में अनुचित तरीके से उत्तर कुंजी में बदलाव किया गया था और कुछ सवालों के उत्तर गलत थे। इस कारण उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। छात्रों के आंदोलन को कुछ प्रमुख नेताओं और शिक्षकों का भी समर्थन मिला था, जिनमें खान सर, गुरु रहमान, तेजस्वी यादव, पप्पू यादव, और प्रशांत किशोर शामिल थे।
खान सर का आरोप
प्रसिद्ध शिक्षक खान सर ने आरोप लगाया था कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली से जुड़े सबूतों को छिपाया जा रहा है। उन्होंने आयोग से जांच की मांग की थी और कहा था कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वह सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति से भी न्याय की मांग करेंगे।
छात्रों का आगे का कदम
आयोग द्वारा यह स्पष्ट करने के बाद कि परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी, छात्रों में मायूसी है। अब यह देखना बाकी है कि छात्र इस फैसले के खिलाफ आगे क्या कदम उठाते हैं। क्या वे आंदोलन को और तेज करेंगे या फिर इस फैसले को स्वीकार करेंगे, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
आयोग ने छात्रों से आग्रह किया है कि वे परीक्षा की तैयारी में लगें और किसी भी अफवाह से बचें, ताकि वे अपनी मेंस परीक्षा की तैयारी में कोई कमी न होने पाए।